Categories
Uncategorized

राष्ट्र बैंककाे परामर्शबिनै बजेटमा बिग मर्जरकाे नीति, सरकारी बैंक ध्वस्त पार्ने षड्यन्त्र

राष्ट्र बैंककाे परामर्शबिनै बजेटमा बिग मर्जरकाे नीति, सरकारी बैंक ध्वस्त पार्ने षड्यन्त्र

‘द वायर’ ने पास न्यायालय राजस्व मंडल, अजमेर के 14 सितंबर, 2016 के दिए एक ऐसे ही आदेश की प्रति है. इस प्रकरण में भी ट्रस्ट के अधिवक्ता ने यह तर्क रखा कि संबंधित ज़मीन विक्रम संवत 2012 की जमाबंदी में मंदिर के नाम बतौर कृषक/खातेदार दर्ज है. दावा करने वाले किसान को इसे मात्र खेती करने के लिए दिया था. रवि किशन को मिली Y प्लस सुरक्षा तो भड़के लोग, बोले-‘आपको तो मिल गई सर,पर महिलाओं का क्या जिनके रोज रेप…..

बेटविनर रजिस्ट्रेशन

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi. हमें Facebook,Twitter, InstagramऔरTelegram पर फॉलो करें.

1954 में ‘राजस्थान लैंड रिफॉर्म एंड रिजंपशन ऑफ जागीर एक्ट’ लागू होने के बाद यह ज़मीन स्वाभाविक रूप से इन किसानों के खाते में आ जानी चाहिए थी. जब ये चिट्ठी लिखी गई थी उस वक्त जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम के सदस्य थे. इस चिट्ठी का नतीजा ये हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एनवी रमन्ना की दी गई रिपोर्ट को खारिज कर दिया और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में नए जजों की नियुक्ति की. श्री गोविंद देव जी मंदिर ट्रस्ट और बाबा रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट के बीच 11 अगस्त, 2016 को जो लीज़ डीड हुई. ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि जब 29 जून, 1964 को श्री गोविंद देव जी मंदिर के पास एक इंच कृषि भूमि नहीं थी तो बाद में यह उसके नाम कैसे हो गई. करौली की ज़िला अदालत में अधिवक्ता भरत सिंह इसका कारण बताते हैं.

Ugc Net 2021 एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड

ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि बाबा रामदेव को यह पता होने के बावजूद कि यह ज़मीन विवादित है, इसे लीज़ पर क्यों लिया. वह भी तब जब लीज़ डीड में इस शर्त का स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि ज़मीन से जुड़ी क़ानूनी प्रक्रिया अपने ख़र्च पर पूर्ण कराने की ज़िम्मेदारी पतंजलि ट्रस्ट की होगी. साल 2017 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर वह बीजेपी में शामिल हुए और अब रविकिशन साल 2019 में हुए लोक सभा चुनाव में गोरखपुर लोक सभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद लगातार अपने क्षेत्र की जनता की आवाज़ उठा रहे हैं.

बेटविनर रजिस्ट्रेशन

“इससे साफ़ पता चलता है कि जस्टिस रमन्ना, टीडीपी और हाईकोर्ट के कुछ माननीय जजों के बीच सांठ-गांठ है.” दुनियाभर की लेटेस्ट tech news और reviews के साथ best recharge, पॉप्युलर मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव offers के लिए हमें फेसबुक, ट्विटर पर फॉलो करें। Also follow us onFacebook Messenger for latest updates. न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी लिखा कि राजस्व अपील अधिकारी ने तथ्यों का जागीर एक्ट के परिपेक्ष्य में विवेचन व विश्लेषण नहीं किया.

रवि के करियर की खास बात यह भी है कि वह रामलीला में भी कार्य करते थे, जहां उन्होंने सीता की भूमिका को बखूबी निभाया. मीडिया के एक सवाल के जवाब में चेतन चौहान ने क्रिकेटर रवि शास्त्री पर तंज कसते हुए कहा कि वह कमेंटेटर हैं. इंग्लैंड के खिलाफ से टेस्ट श्रृंखला गंवाने पर चेतन चौहान ने कोच रवि शास्त्री पर तंज कसा. हालांकि भारत की हार के बावजूद उन्होंने इंग्लैंड के साथ खेले गए टेस्ट क्रिकेट सीरीज में भारत के प्रदर्शन को ठीक-ठाक बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में कामयाब नहीं रही और आखिरी टेस्ट के दूसरे इनिंग में रन भी नहीं बना पाई.

बेटविनर एपीके

उन्होंने कहा कि मंत्री अमर बाउरी की मौजूदगी में उनकी मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी धनबाद के स्टेडियम के विषय पर चर्चा हुई. चेतन चौहान ने भारत की हार के बावजूद इंग्लैंड के साथ खेले गए टेस्ट क्रिकेट सीरीज में भारत के प्रदर्शन को ठीक-ठाक बताया. इस पूरे मामले में सरकार का रुख़ शुरू से ही सवालों के घेरे में हैं.

धनबाद के सिंफर ग्राउंड में क्रीड़ा भारती और जिला क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से आयोजित प्रदर्शनी मैच में मुख्य अतिथि यूपी के खेल मंत्री सह पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान और झारखंड के खेल मंत्री अमर बाउरी पहुंचे. यहां क्रीड़ा भारती ,सिंफर और जिला क्रिकेट एसोसिएशन ने दोनों खेल मंत्रियों का जोरदार स्वागत किया. चेतन चौहान ने यहां अंडर-14 और अंडर-16 के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया. अंग्रेज़ी अख़बार इकोनॉमिक्स टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में जस्टिस एनवी रमन्ना ने इस मुद्दे पर बात की थी. अपने पत्र में जस्टिस चेलमेश्वर ने लिखा, https://fuxuemingzhu.me/ “माननीय जज और आंध्र प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री के बीच नज़दीकी के बारे में सभी जानते हैं. रामदेव के संघर्ष के दिनों के साथी रहे आर्य मूल रूप से करौली ज़िले के हिंडौन सिटी के रहने वाले हैं.

Leave a Reply